Surya Kumar Yadav ने क्या कोई नशा करके कप्तानी की?




सूर्यकुमार यादव भैया। ऐसे कप्तानी करोगे तो क्या रोहित शर्मा का नाम रोशन करोगे जिसके नाम की आप माला जपते हो। हम बात कर रहे हैं भारत और साउथ अफ़्रीका के बीच हुए दूसरे T20 मैच की जो भारत ने तीन विकेट से हारा।  चलो पहली बात सूर्या की बैटिंग की ही करते हैं। नौ गेंदों में चार रन। ऐसे क्या कभी भी रोहित शर्मा वाइट-बॉल क्रिकेट में बैटिंग करते। फिर आप ये कहते नहीं थकते हो कि हम T20 में शुरुआत से धावा बोलने में यक़ीन करते हैं। तो आपके पहले तीन विकेट पहले चार ओवर में गिर गये। उसके बाद आपकी टीम टुक टुक पर आ गई। कहाँ गया वो मार के खेलने का वायदा। हम आपको एक मज़बूत कप्तान मानते अगर आप अपने बाक़ी के खिलाड़ियों से कहते कि कोई मसला नहीं है अगर तुम ऑल आउट भी हो जाओ। पर खेलों मार के ही। पर यहाँ आपने पूरे 20 ओवर खेले और सिर्फ़ 124 रन बनाये। यानी छह रन हर ओवर का औसत। उससे बड़ी बात। जब पारी ख़त्म हुई तो तब भी आपके पास चार विकेट बची हुई थीं। अब क्या उन विकेटों का आप आचार डालेंगे? मार के खेलते तो मानते हैं कि 90 पर ऑल आउट हो जाते। पर ये भी हो सकता था कि आप 15 रन बना देते और जिस तरह से हमारे स्पिनरों ने बोलिंग की, आप साउथ अफ़्रीका के घुटने टिकवा देते। हमारी स्पिन ये साफ़ है साउथ अफ़्रीका के बल्लेबाओं को समझ में नहीं आ रही है। ख़ासकर वरुण चक्रवर्थी जिन्होंने अपने चार ओवरों में पाँच विकेट निकालीं। वरुण की क़ाबलियत ये है कि एक तो वो मिस्ट्री स्पिनर हैं। यानी ये नहीं मालूम चलता है कि उनकी गेंद अंदर आएगी या बाहर जाएगी या सीधी रह जाएगी। बल्लेबाज़ों के लिए एक मुश्किल और होती है और वो कि उनकी लाइन और लेंथ बिलकुल सटीक होती है। वो क्रीज़ का इतना बढ़िया इस्तेमाल करते हैं कि बल्लेबाज़ को ढेला समझ में नहीं आता है। उनके साथी रवि बिश्नोई ने भी अपने चार ओवरों में सिर्फ़ 21 रन दिये। अक्सर पटेल ने एक ही ओवर फेंका और 2 रन दिये। अब सोचिए - जब आपके स्पिनर इतनी अच्छी गेंदबाज़ी कर रहे हैं, और साउथ अफ़्रीका के बल्लेबाज़ों के लिये एक पहेली बने हुए हैं तो आपने अक्सर से एक ही ओवर क्यों करवाया। सूर्या ने कबाड़ा तब किया जब उन्होंने 15वाँ ओवर हार्दिक पण्ड्या को गेंदबाज़ी के लिये दिया। भाई अक्सर को क्या टीम में सैर करने के लिए रखा है। साउथ अफ़्रीका के दो दायें हाथ के बल्लेबाज़ उस समय क्रीज़ पर थे। अक्सर कि बाये हाथ से की गये गेंद उनके बल्ले को छोड़ के निकलती। पर आपने हार्दिक से 15 ओवर करवाया और उसके बाद अक्सर टापते रह गये। अक्सर ही नहीं, बल्कि टीम इंडिया भी चलती बनी। आपके तेज़ गेंदबाज़ों ने अपने 10 ओवरों में सिर्फ़ एक विकेट लिया। रन दिये 86। उधर भारत के स्पिनरों ने अपने नौ ओवर में सिर्फ़ 40 रन दिये। और छह विकेट लिये। जब स्पिनर आपके विकेट ले रहे हैं तो अक्सर को एक ओवर? इसे आप कप्तान का दिवालियापन ही तो कहेंगे। ना तो सूर्या अपने बल्लेबाज़ों को कह सके कि कोई नहीं, विकेट गिर रहे हैं पर कर लो मैदान फ़तह। और ना ही अपने सबसे अनुभवी स्पिनर से उन्होंने एक से ज़्यादा ओवर करवाए। सूर्या आपने वाक़ई फैन्स को काफ़ी दुखी किया है।